नवरात्रि का व्रत केवल भोजन त्यागने का नियम नहीं है, बल्कि यह आत्मसंयम और मां दुर्गा की भक्ति का प्रतीक माना जाता है. कई बार अनजाने में या गलती से व्रत टूट जाता है, ऐसे में लोग घबरा जाते हैं कि कहीं उनका व्रत व्यर्थ तो नहीं चला गया. शास्त्रों के अनुसार व्रत टूटने के बाद कुछ विशेष नियम और उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
व्रत टूटने के प्रमुख कारण
भूलवश भोजन या पानी पी लेना, दवाई खाने की मजबूरी, व्रत के नियमों का पालन न करना, क्रोध, झूठ बोलना या नकारात्मक विचार रखना.
क्या होता है व्रत टूटने पर?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि उपवास नियमपूर्वक न हो पाए, तो उसका पूरा फल नहीं मिलता, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि व्रत का सबसे बड़ा आधार भक्ति और निष्ठा है.
व्रत टूट जाए तो करें ये उपाय
मां दुर्गा से क्षमा याचना करें – मन से माफी मांगें और सच्चे भाव से अगला व्रत नियमपूर्वक निभाने का संकल्प लें. मंत्र जाप करें – “ॐ दुर्गायै नमः” का 108 बार जप करें, पाठ और आरती करें – दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करें, दान और सेवा करें – जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या धन दान करना व्रत का फल प्रदान करता है, अगले दिन व्रत रखें – यदि संभव हो तो अगले दिन व्रत रखकर मां दुर्गा का पूजन करें.
धार्मिक मान्यता
शास्त्रों में कहा गया है कि उपवास का असली महत्व आत्मसंयम, शुद्ध विचार और भक्ति में है, यदि किसी कारण से व्रत टूट भी जाए, लेकिन मन मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा से भरा हो, तो माता अवश्य प्रसन्न होती हैं.
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