शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के दौरान अखंड ज्योत (दीपक) जलाना बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि पूजा स्थल पर जलाई गई यह ज्योत पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति का वातावरण बनाती है, लेकिन कई बार हवा, तेल की कमी या बाती की गड़बड़ी के कारण यह दीपक अचानक बुझ जाता है. ऐसे में अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या यह अशुभ संकेत है और क्या करना चाहिए?
अखंड ज्योत बुझना – शुभ या अशुभ?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अखंड ज्योत का बुझना अशुभ माना जाता है, कहा जाता है कि यह किसी प्रकार की लापरवाही का संकेत है, न कि मां दुर्गा की नाराजगी का. हालांकि, घबराने की बजाय तुरंत सही नियम का पालन करना जरूरी है.
अगर अखंड ज्योत बुझ जाए तो करें ये उपाय
1. तुरंत ज्योत को दोबारा प्रज्वलित करें – सबसे पहले दीपक की बाती को ठीक करें और उसमें घी या तेल डालकर लौ जलाएं.
2. मां दुर्गा से क्षमा याचना करें – हाथ जोड़कर मां से प्रार्थना करें कि यह गलती अनजाने में हुई है.
3. मंत्र का उच्चारण करें – दीपक जलाते समय दुर्गा मंत्र या “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप करें.
4. दीपक को सुरक्षित स्थान पर रखें – ध्यान दें कि दीपक हवा की सीधी दिशा में न हो और तेल/घी पर्याप्त मात्रा में भरा हो.
5. अगली बार सावधानी रखें – दीपक जलाते समय सुनिश्चित करें कि बाती अच्छी तरह से बसी हो और दीपक स्थिर स्थान पर रखा हो.
धार्मिक महत्व
अखंड ज्योत का लगातार जलते रहना मां दुर्गा की कृपा का प्रतीक माना जाता है, इसे घर में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. ज्योत बुझने पर यदि श्रद्धा और भक्ति से पुनः जलाया जाए तो मां दुर्गा तुरंत प्रसन्न होती हैं.
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