हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों का एक अहम हिस्सा है घंटी बजाना मंदिरों और घरों दोनों जगह पर पूजा शुरू करने से पहले घंटी बजाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि घंटी की ध्वनि न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि यह मन और आत्मा को भी एकाग्र करती है. आइए जानते हैं घंटी बजाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व—
धार्मिक मान्यता
शास्त्रों में कहा गया है कि जब भी पूजा या आरती की जाती है, तो घंटी बजाना अनिवार्य होता है. घंटी की ध्वनि को देवताओं का प्रिय माना गया है, इसे सुनकर देवता प्रसन्न होते हैं और भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि घंटी बजने से वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और पूजा स्थल पर पवित्रता बनी रहती है. देवी-देवताओं की मूर्तियों के सामने घंटी बजाने से पूजा अधूरी नहीं मानी जाती है.
वैज्ञानिक कारण
घंटी बजाने से निकलने वाली ध्वनि तरंगें मस्तिष्क की नकारात्मक तरंगों को शांत करती हैं, इसकी ध्वनि कान से होते हुए पूरे शरीर में फैलती है, जिससे नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है और एकाग्रता बढ़ती है. घंटी की आवाज से वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो हवा में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायक माना जाता है. यह मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार
पूजा स्थान पर घंटी रखना शुभ माना जाता है, वास्तु के अनुसार घंटी बजाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और परिवार के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ता है, सुबह और शाम की पूजा के समय घंटी बजाना घर के लिए सुख-समृद्धि का संकेत माना जाता है.
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