भारत में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का पहला शिल्पकार और वास्तुकार माना जाता है. माना जाता है कि उन्होंने ही इस ब्रह्मांड की रचना की थी. यही कारण है कि हर जगह – चाहे वह कारखाना हो, दफ्तर हो, वर्कशॉप हो या कोई दुकान – इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
क्यों जरूरी है विश्वकर्मा पूजा?
1. उपकरणों की शुद्धि और शक्ति – कहा जाता है कि इस दिन मशीनें, औजार और कार्यस्थल को पूजा के बाद दिव्य ऊर्जा प्राप्त होती है.
2. काम में सफलता – विश्वकर्मा जी की कृपा से व्यापार और रोजगार में उन्नति होती है.
3. दुर्घटनाओं से सुरक्षा – मान्यता है कि पूजा करने से मशीनों से जुड़ी दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाता है.
4. काम की निरंतरता – यह पूजा कर्मचारियों में नई ऊर्जा और उत्साह भरती है.
पूजा का सही तरीका
1. स्थान की सफाई करें – सबसे पहले ऑफिस या कारखाने की साफ-सफाई करनी चाहिए.
2. मशीनों को धोकर सजाएं – सभी मशीनों, उपकरणों और औजारों पर हल्दी-कुमकुम और फूल चढ़ाएं.
3. भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
4. पूजा सामग्री – धूप, दीप, नारियल, पुष्प, फल, मिठाई और रोली का प्रयोग करें.
5. मंत्रोच्चार और आरती – विश्वकर्मा जी के मंत्रों का जप करें और आरती करें.
6. प्रसाद का वितरण – पूजा के बाद कर्मचारियों और स्टाफ में प्रसाद बांटें.
धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा पूजा करने से कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा आती है, व्यापार-धंधे में बरकत होती है और ऑफिस में सामंजस्य बना रहता है. यही कारण है कि बड़े-बड़े उद्योग, फैक्ट्रियां और दफ्तर इस दिन विशेष अनुष्ठान करते हैं.
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