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दीवार पर लगी बंद घड़ी क्यों मानी जाती है दुर्भाग्य का संकेत? जानें असली वजह

दीवार पर लगी बंद घड़ी क्यों मानी जाती है दुर्भाग्य का संकेत

हमारे घरों और ऑफिस की दीवारों पर लगी घड़ियां सिर्फ समय दिखाने का साधन नहीं होतीं, बल्कि वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं में इन्हें शुभ-अशुभ से भी जोड़ा गया है. खासतौर पर दीवार पर लगी बंद घड़ी को हमेशा अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं क्यों?

वास्तु शास्त्र में घड़ी का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घड़ी घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का प्रतीक मानी जाती है. चलती हुई घड़ी जीवन की गति, तरक्की और समय पर काम पूरे होने का संकेत देती है. वहीं, बंद या रुकी हुई घड़ी ठहराव, रुकावट और नकारात्मकता को दर्शाती है.

क्यों मानी जाती है बंद घड़ी अशुभ?
1. जीवन में ठहराव का संकेत – बंद घड़ी को जीवन में प्रगति रुकने और अवसर छूटने का प्रतीक माना जाता है.
2. आर्थिक तंगी का कारण – मान्यता है कि बंद घड़ी घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर डालती है.
3. रिश्तों में दूरी – वास्तु के अनुसार, दीवार पर लगी बंद घड़ी परिवार में आपसी रिश्तों में तनाव और मनमुटाव बढ़ा सकती है.
4. नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश – रुकी हुई घड़ी को घर में नकारात्मक शक्तियों का निमंत्रण माना जाता है.

धार्मिक दृष्टिकोण से मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समय भगवान का स्वरूप माना गया है। इसलिए घड़ी का रुक जाना शुभ संकेत नहीं होता. माना जाता है कि यह दुर्भाग्य, बीमारियों और अनचाही समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है.

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