Advertisement

पजेसिवनेस Love है या मेंटल बीमारी, डॉक्टर से जानें

Relationship Tips: प्यार में थोड़ा पजेसिव होना आम माना जाता है. लेकिन जब ये भावना लगातार संदेह, नियंत्रण और असुरक्षा में बदलने लगे. तो यह रिश्ते के लिए खतरे की घंटी बन जाती है. तो सवाल है – क्या जलन या पजेसिवनेस प्यार की निशानी है या भरोसे की कमी? Relation में बाउंड्री: हम साथ हैं, लेकिन अलग भी हैं!

हेल्दी बनाम टॉक्सिक जलन: अंतर क्या है?

| हेल्दी पजेसिवनेस | टॉक्सिक पजेसिवनेस |
| | — |
| पार्टनर की चिंता करना | हर गतिविधि पर नज़र रखना |
| प्यार से अपनी मौजूदगी जताना | हर दोस्त पर शक करना |
| occasional insecurity | लगातार कंट्रोल की कोशिश |
| बातचीत से समाधान | धमकी या गिल्ट ट्रिपिंग |

कपल्स के अनुभव:

अनन्या-राहुल (5 साल का रिश्ता): “शुरुआत में मुझे अच्छा लगता था जब राहुल मुझे लेकर थोड़ा पजेसिव होता था. लेकिन धीरे-धीरे वो हर दोस्त पर शक करने लगा, मेरी सोशल मीडिया एक्टिविटी चेक करता था. मुझे घुटन सी होने लगी.”

ईशा-अभय (डेटिंग 2 साल से): “हम दोनों ने शुरू से ही boundaries सेट की. अगर मुझे किसी दोस्त से मिलने जाना हो, तो मैं अभय को बताती हूं – न कि परमिशन लेती हूं.”

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

डॉ. रिचा माथुर (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट): “प्यार में असुरक्षा आना स्वाभाविक है, लेकिन जब वह व्यक्ति की सोच या व्यवहार पर हावी हो जाए – जैसे कि ओसीडी जैसी शक की प्रवृत्ति – तो यह मनोवैज्ञानिक समस्या बन सकती है.”

डॉ. अंशुल वर्मा (रिलेशनशिप काउंसलर): “पजेसिवनेस तब तक ठीक है जब तक उसमें mutual respect हो. पर जब यह control या manipulation का रूप लेने लगे, तो वह टॉक्सिक है और इस पर काम करना ज़रूरी है.”

क्या यह मानसिक बीमारी हो सकती है?

Relationship में ‘Red Flags’: 10 संकेत कभी इग्नोर ना करें
Parenting Advice: Teenager के लिए कैसी होनी चाहिए आपकी पैरेंटिंग?

डायग्नोसेस की संभावनाएं:

Obsessive Love Disorder (OLD):
जब व्यक्ति अपने पार्टनर को लेकर अत्यधिक जुनूनी हो जाता है.
Attachment Anxiety:
जहां व्यक्ति को abandonment का डर लगातार बना रहता है.

ऐसे मामलों में थेरेपी और पेशेवर मदद ज़रूरी हो जाती है.

समाधान क्या है?

  1. खुलकर संवाद: शक की बजाय बातचीत करें.
  2. बाउंड्रीज़ तय करें: क्या स्वीकार्य है, क्या नहीं – इसे स्पष्ट करें.
  3. ट्रस्ट बिल्डिंग एक्टिविटी: समय बिताएं, भरोसा बढ़ाएं.
  4. थेरेपी लें: अगर जलन या शक नियंत्रण से बाहर है तो प्रोफेशनल हेल्प लें. प्यार में जलन की भावना स्वाभाविक हो सकती है, लेकिन अगर यह भरोसे को निगलने लगे – तो इसे प्यार नहीं, नियंत्रण कहा जाएगा. हेल्दी रिलेशनशिप की नींव भरोसे, आज़ादी और इज्जत पर टिकी होती है – न कि शक और पजेसिवनेस पर.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *