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Nalanda : Innovation का दूसरा नाम – बिहार!

नालंदा : नालंदा के सिलाव प्रखंड के 16 साल के छात्र मो. क़ामिल रज़ा ने कमाल कर दिखाया है. राजगीर केंद्रीय विद्यालय में 11वीं में पढ़ने वाले क़ामिल ने महज 1200 रुपये में इशारों से चलने वाली कार बनाई है. हॉलीवुड फिल्म ‘आयरन मैन’ से प्रेरणा लेकर उन्होंने यह ‘जेस्चर कंट्रोल्ड कार’ तैयार की है. इस कार को हाथ के इशारों से चलाया जा सकता है. इसे चलाने के लिए किसी रिमोट की जरूरत नहीं होती.

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इस अनोखे प्रोजेक्ट को दिल्ली के भारत मंडपम में हुए अखिल भारतीय शिक्षा समागम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी सराहा. कार में लगे सेंसर हाथ की हरकत को पहचानते हैं. हाथ में पहने डिवाइस से जब उपयोगकर्ता हाथ को आगे, पीछे, दाएं या बाएं घुमाता है, तो सेंसर उस हरकत को इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदल देता है. यह सिग्नल कार में लगे माइक्रो-कंट्रोलर तक पहुंचता है. फिर यह कंट्रोलर मोटर को आदेश देता है और कार उसी दिशा में चलने लगती है.

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कार में ESP 32 माइक्रो कंट्रोलर लगा है, जो इशारों को प्रोसेस करता है. मोटर ड्राइवर माइक्रो-कंट्रोलर और मोटर के बीच पुल का काम करता है. BO मोटर पहियों को घुमाती है. पूरी कार को लिथियम आयन बैटरी से पावर मिलती है.

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क़ामिल का कहना है कि इस तकनीक को आगे और विकसित किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल खनन या ऐसी जगहों पर किया जा सकता है, जहां इंसानों का जाना मुश्किल होता है. इसमें रोबोटिक आर्म जोड़कर इसे और उपयोगी बनाया जा सकता है.

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क़ामिल के पिता मो. एहसान रजा सरकारी मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरा बेटा ऐसा कुछ बना सकता है. हमें उस पर बहुत गर्व है.” उन्होंने सरकार से अपील की कि क़ामिल जैसे होनहार बच्चों को आगे बढ़ने के लिए मंच और आर्थिक मदद दी जाए. क़ामिल भविष्य में IIT से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर इंजीनियर बनना चाहता है.

नालंदा से मो. महमूद आलम की रिपोर्ट …

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