शेखपुरा: कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे बरबीघा का राजनीतिक परिदृश्य बदल दिया. जेपी आंदोलन के पुरोधा और समाजवादी नेता शिव कुमार, जो लंबे समय से राजनीति की गलियों में अपनी पहचान रखते हैं, अचानक जनसुराज पार्टी से जुड़ गए.
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समाचार ये है कि शेखपुरा हाउस में आयोजित मिलन समारोह में उनके स्वागत के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने पीला गमछा ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया. लेकिन यही नहीं… उनके साथ सैकड़ों समर्थक भी पार्टी में शामिल हुए, जिससे राजनीतिक माहौल में अचानक हलचल मच गई.
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दरअसल, बरबीघा विधानसभा सीट की कहानी अब पूरी तरह बदल गई है. पहले जहां कैप्टन मुकेश की दावेदारी को पक्का माना जा रहा था, वहीं अब शिव कुमार की दावेदारी मजबूत होती दिखाई दे रही है.
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शिव कुमार की जिंदगी भी किसी थ्रिलर से कम नहीं – 14 साल की उम्र में जेपी आंदोलन से जुड़ना, जेल की 28 महीने की यातना, 45 झूठे मुकदमे झेलना, और बरबीघा नगर परिषद के सभापति रहना. उनके कदम अब सवाल खड़े कर रहे हैं – क्या वह भ्रष्टाचार और राजनीति की पुरानी रस्मों को तोड़ पाएंगे?
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जनसुराज पार्टी के नेता कह रहे हैं – “हम सिर्फ सत्ता नहीं बदल रहे, हम पूरी व्यवस्था बदलने की तैयारी में हैं.”
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बरबीघा की राजनीति अब सस्पेंस के धागों से बंधी हुई है. एक ऐसा खेल, जिसमें हर कदम मायने रखता है. जनता और विरोधी, सभी की निगाहें अब शिव कुमार पर हैं.
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क्या बरबीघा की सीट उनके हाथ में आएगी? या फिर पुराने दावेदार वापसी करेंगे?
साथ रहिए, क्योंकि यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई.
रिपोर्ट: शिवचंद्र प्रताप उर्फ़ चंदन, शेखपुरा.