भागलपुर: गरीबी और बेबसी की यह तस्वीर सुनने वालों को झकझोर देगी. भागलपुर जिले के सुलतानगंज गनगनियां के फतेहपुर गांव में एक मजदूर की मौत के बाद उसकी गर्भवती पत्नी पति के अंतिम संस्कार के लिए भीख मांगने पर मजबूर हो गई.
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गांव के सुभाष मांझी दिहाड़ी मजदूरी कर छह बच्चों और गर्भवती पत्नी का पालन-पोषण करते थे. नदी में स्नान के दौरान उनकी डूबने से मौत हो गई. पोस्टमार्टम के बाद शव गांव भेजा गया, लेकिन यहीं से शुरू हुई अमानवीय कहानी.
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शव लेकर पहुंचे एम्बुलेंस चालक ने मृतक की पत्नी दुलो देवी से 5 हजार रुपये मांगे. पैसे न होने की बात कहने पर चालक शव लेकर वापस लौटने लगा. चीख-पुकार और बच्चों के विलाप के बीच महिला ने पड़ोसियों से कर्ज लेकर 2700 रुपये दिए, तब जाकर शव घर पहुंचा. पैसा लेने के बाद चालक मौके से फरार हो गया.
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अब अंतिम संस्कार के लिए भी दुलो देवी के पास पैसे नहीं हैं. वह गर्भवती होने के बावजूद छह छोटे बच्चों के साथ सड़क किनारे गुजरते लोगों से कफन और अंतिम संस्कार के लिए मदद की गुहार लगा रही है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि सूचना देने के बावजूद बीडीओ और सीओ मौके पर नहीं पहुंचे. यहां तक कि जनप्रतिनिधि भी मदद की अपील सुनकर चुपचाप निकल गए.
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गांववालों ने कहा कि मृतक ही परिवार का इकलौता सहारा था. उसकी मौत के बाद परिवार भुखमरी और संकट में डूब गया है. देर शाम तक शव घर पर ही पड़ा रहा, क्योंकि अंतिम संस्कार के लिए पैसे का इंतजाम नहीं हो सका था.
रिपोर्ट: डबलू कुमार, भागलपुर.