पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर हैं और उनका आज का कार्यक्रम डेहरी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में खासा महत्वपूर्ण रहा. इस अवसर पर उन्होंने न सिर्फ कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और टिप्स दिए, बल्कि पार्टी के भीतर विधायकों की परफॉरमेंस पर भी गहरी नजर रखने का संदेश दिया.
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सूत्रों के अनुसार, अमित शाह के पास लगभग 25 से 30 ऐसे विधायकों की सूची है, जिनका इंटरनल सर्वे में रिपोर्ट कार्ड संतोषजनक नहीं रहा. यह सूची पार्टी नेतृत्व की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है. चर्चा है कि इन विधायकों का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम पार्टी की चुनावी मजबूती और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
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अमित शाह ने सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि आगामी चुनाव में जनता के साथ सीधे संपर्क और लगातार संवाद ही सफलता की कुंजी होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी के लिए न केवल वोट हासिल करना, बल्कि जनसमर्थन बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है. उनका यह दृष्टिकोण बिहार की राजनीति में कड़े फैसलों और जिम्मेदारी की संस्कृति को दर्शाता है.
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पार्टी के भीतर अनुशासन और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है. सूत्रों के अनुसार, जिन विधायकों का इंटरनल सर्वे में प्रदर्शन कमजोर रहा, उन्हें चेतावनी के तौर पर सूची में शामिल किया गया है. यह कदम कार्यकर्ताओं और नेताओं दोनों को यह संदेश देता है कि पार्टी में परफॉरमेंस और जनता से जुड़ाव सर्वोपरि है.
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इस अवसर पर अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को वोटरों के मुद्दों को समझने, उनकी समस्याओं का समाधान करने और जमीन पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए कई टिप्स भी दिए. उन्होंने कहा कि चुनावी रणनीति सिर्फ कार्यालय और बैठकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे सीधे जनता तक पहुंचाना आवश्यक है.
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राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि पार्टी इस बार चुनाव में कड़ी छंटनी और सटीक उम्मीदवार चयन की नीति अपनाएगी. इससे स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी केवल लोकप्रियता के आधार पर नहीं, बल्कि परफॉरमेंस और जनसेवा के आधार पर टिकट वितरण करेगी.
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अमित शाह का यह दौरा न केवल कार्यकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि बिहार की राजनीति में सस्पेंस और रोमांच दोनों बढ़ा गया है. अब यह देखना रोचक होगा कि कौन से विधायक आगामी सूची में टिक पाएंगे और कौन होंगे बाहर.
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इस दौरे ने एक बार फिर यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि पार्टी नेतृत्व सख्त निर्णय लेने और चुनावी तैयारियों में कोई कोताही न बरतने के मूड में है. कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए यह समय केवल तैयारी का नहीं, बल्कि अपनी क्षमता और प्रदर्शन साबित करने का भी है.