जमुई: जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में मंगलवार रात तकनीकी खराबी के कारण बिजली गुल हो गई और पूरे अस्पताल में अंधेरा छा गया. मरीजों का इलाज और इमरजेंसी वार्ड की गतिविधियाँ मोबाइल टॉर्च की रोशनी पर निर्भर हो गईं.
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गर्मियों की तपिश और अंधेरे में परेशान मरीज वार्ड से बाहर निकलकर परिसर में खड़े हो गए. पर्ची काउंटर पर मशीन बंद होने से कर्मचारियों को हाथ से पर्ची काटनी पड़ी. मनीयड्डा निवासी बालेश्वर मांझी ने कहा, “अस्पताल में आते ही लगा जैसे बिजली ने छुट्टी ले ली हो!”
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चिकित्सक डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि अचानक तकनीकी खराबी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई. उन्होंने कहा कि मोबाइल टॉर्च की मदद से ही मरीजों का इलाज किया गया. स्वास्थ्य कर्मियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखा और बिजली लौटने के बाद अस्पताल सामान्य हुआ.
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इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक अस्पताल के कर्मचारी मेहनत करते हैं, तब तक मरीजों का इलाज चलता रहेगा. लेकिन सवाल यह है कि सरकार कब तक अस्पतालों में बेसिक सुविधाओं का भरोसा दिलाएगी, क्योंकि आधा घंटा भी मरीजों के लिए चुनौतीपूर्ण और खतरनाक साबित हो सकता है.
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अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि भविष्य में ऐसी तकनीकी समस्याओं से निपटने के लिए अल्टरनेटिव पावर व्यवस्था मजबूत की जाएगी.
रिपोर्ट: विवेक कुमार, जमुई.