Advertisement

Kaimur : चुनाव से पहले ‘वोटर मर्डर’!

कैमूर: जिले के मोहनिया विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) में 44 वर्षीय जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया है. यह मामला पिपरिया गांव का है, जहां रहने वाले मुद्रिका शर्मा ने बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने बीएलओ को फॉर्म और सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए थे. इसके बावजूद 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में उन्हें मृत घोषित कर उनका नाम काट दिया गया.

Vaishali : साइकिल नसीब नहीं… और आज बुलेट पर घमंड? शाहनवाज हुसैन का तंज!

मुद्रिका शर्मा के पास वर्ष 2005 में बना वोटर आईडी (नंबर BLJ5973714) भी मौजूद है. उन्होंने मीडिया को बताया कि जब ड्राफ्ट सूची प्रकाशित हुई तो उनके परिचितों ने उन्हें जानकारी दी कि उनका नाम मृत मतदाता के रूप में दर्ज कर लिया गया है. अब वह खुद समझ नहीं पा रहे कि जिंदा रहते हुए भी उन्हें “मृत” कैसे घोषित कर दिया गया.

Bihar : सरकारी नौकरी से पेट नहीं भरा, रिश्वत बन गई ‘आमदनी’!

इस पूरे मामले पर विपक्ष ने चुनाव आयोग की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं. विपक्षी दल पहले से ही निर्वाचन आयोग पर पक्षपात और वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव से ठीक पहले चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान में इस तरह की गड़बड़ियां लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं.

Begusarai : कैदी फरार और पुलिस बेबस!

इस पर मोहनिया एसडीएम अनीरुद्ध पांडे ने सफाई देते हुए कहा कि अगर किसी का नाम गलती से सूची में नहीं जुड़ा है या मृत घोषित कर दिया गया है, तो संबंधित व्यक्ति बीएलओ से संपर्क कर दस्तावेज जमा कर सकता है. इसके बाद नाम फिर से मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा.

Munger : आपदा को अधिकारियों ने बनाया अवसर, भूखे–प्यासे बाढ़ पीड़ितों ने काटा बबाल!

यह घटना न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची में गंभीर खामियां मौजूद हैं. इससे मताधिकार को लेकर आम जनता में गहरी चिंता फैल गई है.

रिपोर्ट: अजीत कुमार, कैमूर.