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Lakhisarai : तेतरहट का कच्चु बना खुशहाली की गारंटी – सेहत और समृद्धि दोनों एक साथ!

लखीसराय जिला मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर दूर स्थित तेतरहट पंचायत, मौसमी सब्जी कच्चु की खेती के लिए दूर-दूर तक मशहूर है. यहां के किसान हर साल इस फसल की बदौलत खुशहाल हो जाते हैं. खास बात यह है कि कच्चु की बिक्री महज एक-दो दिनों में ही किसानों को इतनी कमाई करा देती है कि वे सालभर सुकून से जीवन बिता पाते हैं.

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कच्चु, जिसे अरुई या तारो भी कहा जाता है, सेहत के लिहाज से बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन-सी और भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. यही वजह है कि यह पाचनतंत्र को मजबूत करता है, हड्डियों को मज़बूती देता है और हृदय के लिए भी लाभकारी है. प्रसिद्ध होम्योपैथ डॉक्टर श्यामसुंदर प्रसाद यादव बताते हैं कि कच्चु को ‘देशी सब्जी’ और ‘कंदा सब्जी’ भी कहा जाता है, जिसकी पौष्टिकता किसी औषधि से कम नहीं.

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तेतरहट की मंडी में इस बार कच्चु का थोक भाव 600 रुपए प्रति क्विंटल और खुदरा कीमत 80 रुपए प्रति किलो तक रही. यहां से कच्चु बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल तक सप्लाई किया जाता है.

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इस सब्जी का जियुतिया पर्व में खास महत्व है. व्रत करने वाली माताएं पारण के दिन कच्चु की सब्जी जरूर खाती हैं. इस पर्व से ठीक दो दिन पहले इसकी जबरदस्त बिक्री होती है. किसानों का कहना है कि इसी दौरान होने वाली कमाई उनके सालभर की खुशहाली की गारंटी बन जाती है.

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कम लागत, कम समय और अच्छी उपज के कारण कच्चु की खेती तेतरहट पंचायत और आसपास के गांवों की पहचान बन चुकी है. यही वजह है कि हर साल किसान बड़ी उम्मीद से इस सीजन का इंतजार करते हैं.

रिपोर्ट: कृष्णदेव प्रसाद यादव, लखीसराय.