मधेपुरा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहाँ निगरानी विभाग की टीम ने मिठाई शिविर प्रभारी नृपेन्द्र मंडल को 20 हजार रुपए घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी प्रभारी पर चोरी के एक मामले से नाम हटाने के एवज में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है.
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जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता वकील यादव ने निगरानी विभाग को आवेदन देकर बताया कि उनके बेटे का नाम चोरी के केस (केश संख्या 890/25) में दर्ज कर दिया गया था. नाम हटाने के लिए पहले दो लाख रुपए की मांग की गई थी, जिसे बाद में 25 हजार पर तय किया गया. मंगलवार को जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय राशि में से 20 हजार रुपए प्रभारी को दिए, निगरानी विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नृपेन्द्र मंडल को रंगेहाथ धर दबोचा.
गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए निगरानी पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि शिकायत की जांच और सत्यापन के बाद पटना से आई टीम ने कार्रवाई की. आरोपी को पूछताछ के लिए सहरसा परिसदन लाया गया है, जहाँ प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा.
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शिकायतकर्ता वकील यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस अधिकारी बेवजह परेशान कर रहे थे और नाम हटाने के लिए भारी-भरकम रकम की मांग की थी. जब मामला असहनीय हो गया, तो उन्होंने निगरानी विभाग में इसकी शिकायत दर्ज कराई.
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इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर से पुलिस महकमे में फैले भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है. अब देखना यह होगा कि निगरानी विभाग की इस कार्रवाई के बाद आरोपी पर कितनी सख्ती से आगे की कार्यवाही होती है.