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Politics : चुनाव से पहले मोदी का बड़ा तोहफा – बिहार की महिलाओं को मिली नई उड़ान!

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को बिहार की लाखों ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. उन्होंने वर्चुअल माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया और इस संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय सेवाओं से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनके छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करना है.

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इस सहकारी संस्था के माध्यम से महिलाओं को अब माइक्रोफाइनेंस संस्थानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जो अक्सर 18% से 24% तक भारी ब्याज दर वसूलते हैं. इससे पहले ये महिलाएं आर्थिक दबाव में रहती थीं और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना कठिन हो जाता था. नई योजना के तहत महिलाएं कम ब्याज दर पर कर्ज लेकर अपने उद्यमों को बढ़ा सकेंगी.

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन मौजूद रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस योजना की अहमियत बताई और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि यह पहल बिहार की ग्रामीण महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी.

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इस योजना के तहत 12,000 सामुदायिक कैडर टैबलेट से लैस किए जाएंगे, जो गांव-गांव जाकर महिलाओं को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे. इससे बैंकिंग सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान और पारदर्शी होगी, डिजिटल प्रणाली की वजह से लेन-देन तेज और विश्वसनीय होगा, जिससे महिलाओं का समय भी बचेगा.

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बिहार में जीविका कार्यक्रम ने पहले ही लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है. ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह (SHGs) के माध्यम से बचत कर रही हैं और डेयरी, बकरी पालन, हस्तशिल्प, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण जैसे छोटे व्यवसाय चला रही हैं. इस नई सहकारी संस्था से उन्हें वित्तीय बाधाओं से राहत मिलेगी और वे अपने कारोबार का विस्तार कर पाएंगी.

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बिहार सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल से शुरू हुई यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी. इससे महिलाओं के बीच सामूहिक स्वामित्व और सहभागिता की भावना भी मजबूत होगी. कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूरे राज्य में किया गया, जिसमें करीब 20 लाख महिलाएं जुड़ीं.

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यह पहल ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, उन्हें आर्थिक आज़ादी देने और बिहार के विकास को नए आयाम देने की दिशा में एक अहम कदम है. इससे महिलाओं का आत्मसम्मान बढ़ेगा और वे अपने परिवार एवं समाज में बेहतर भूमिका निभा सकेंगी.

रंजीत सम्राट, चैनल हेड, सहारा समय बिहार.