मुजफ्फरपुर: जिले के कमरा मोहल्ले से एक हृदयविदारक मामला सामने आया है. एक पति ने अपनी पत्नी को पुत्री के जन्म के बाद बेरहमी से पीटकर घर से निकाल दिया. पीड़िता ने दर्द भरे स्वर में कहा, “अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो.” यह कथन न केवल उसकी पीड़ा को बयाँ करता है, बल्कि समाज में बेटी और महिला के प्रति असमान मानसिकता का दर्दनाक सच उजागर करता है.
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पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2023 में सैयद अरमान हैदर उर्फ़ कौसर के साथ हुई थी. शादी से पहले पति ने खुद को प्रतिष्ठित प्राइवेट कंपनी में कार्यरत बताया, लेकिन शादी के बाद वास्तविकता सामने आई. इसके बावजूद महिला ने सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश की, मगर पति लगातार मारपीट करता और दहेज के नाम पर अवैध पैसे की मांग करता रहा.
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बेटी के जन्म के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई. पीड़िता के अनुसार पति ने उसे बेरहमी से पीटा और घर से भगा दिया. इस घटना ने महिला की भावनात्मक और मानसिक स्थिति को गहराई से प्रभावित किया. पीड़िता अब भय, निराशा और दर्द के बीच न्याय की गुहार लगा रही हैं.
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महिला ने नगर थाना में आवेदन देकर पति और परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. मामला अब राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुँच चुका है. मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के. झा ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.
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विशेषज्ञों का कहना है कि बेटी के जन्म पर इस तरह की हिंसा सिर्फ व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज में लिंग भेदभाव और कन्या विरोधी मानसिकता की चेतावनी है. यह घटना समाज के लिए एक गहन चुनौती है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकार सुनिश्चित किए जाएँ.
रिपोर्ट: आनंद सागर, मुजफ्फरपुर.