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Nalanda : नीतीश के जिले में तनुजा रोई, अफसरशाही हंसकर बोली – सिस्टम ऐसा ही है!

नालंदा: जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान फफक-फफक कर रो पड़ीं. उन्होंने आरोप लगाया कि गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने की वजह से उनके साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. तनुजा ने कहा कि उनका वेतन और जिला परिषद की योजनाओं की राशि अफसरशाही द्वारा जानबूझकर रोक दी गई है.

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भावुक होकर तनुजा ने बताया कि भुगतान नहीं मिलने की वजह से उन्हें घर के जेवर तक गिरवी रखने पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष से जुड़े जिला परिषद सदस्यों की योजनाओं का पैसा समय पर जारी कर दिया जाता है, जबकि उनकी स्वीकृत योजनाओं का भुगतान महीनों तक लटकाया जाता है.

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तनुजा ने कहा कि अफसरशाही हावी है और जिला परिषद की योजनाएं ठप पड़ी हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में ही उनके निर्देशों की अनदेखी क्यों हो रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यहां विधायक, मुखिया और पंचायत समिति द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान 7 से 10 दिनों में हो जाता है, लेकिन जिला परिषद अध्यक्ष की योजनाओं को महीनों तक रोक दिया जाता है.

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मुख्यमंत्री के गृह जिले से उठे इस मुद्दे ने सियासत को गरमा दिया है. विपक्ष ने इसे बिहार में “अफसरशाही बनाम जनप्रतिनिधि” का मुद्दा बताया है.

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वहीं, इस पूरे विवाद पर उपविकास आयुक्त ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ जांच के अधीन योजनाओं की राशि रोकी गई है. कई योजनाओं का भुगतान पहले ही किया जा चुका है.

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तनुजा के इस भावुक बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या नालंदा में अफसरशाही जनप्रतिनिधियों पर हावी हो चुकी है.

रिपोर्ट: वीरेंदर कुमार, नालंदा.