पटना: गुरुवार को पटना के गर्दनीबाग में बिहार के विभिन्न अंचल अधिकारी (CO) धरने पर बैठ गए. यह धरना निगरानी विभाग की लगातार हो रही कार्रवाइयों के विरोध में आयोजित किया गया.
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धरने में शामिल सीतामढ़ी के CO कृष्ण प्रताप सिंह ने कहा कि उनका विरोध न तो अपने विभाग के खिलाफ है और न ही सरकार के खिलाफ. उनका कहना है कि जिस तरह से दमनकारी तरीके से कार्रवाई की जा रही है, वह चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि अंचल अधिकारी हमेशा जनता की समस्याओं का समाधान करने में लगे रहते हैं, चाहे वह जमीन विवाद, अतिक्रमण, राजस्व कार्य, आपदा प्रबंधन या विधि-व्यवस्था हो.
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कृष्ण प्रताप सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में डंडारी में एक CO 20 सूत्री कार्यक्रम की बैठक में शामिल थे, लेकिन उन्हें बीच से उठाकर निगरानी विभाग की टीम ले गई. न तो उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया और न ही कोई ठोस सबूत पेश किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सीओ के साथ ही यह व्यवहार क्यों किया जा रहा है.
बिहार राजस्व सेवा संघ ने भी कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का लगभग 80 प्रतिशत काम सीओ के माध्यम से होता है. अगर सीओ बेईमान हैं, तो सरकार का कार्य कौन कर रहा है? संघ ने यह भी कहा कि विधि-व्यवस्था, आपदा, अतिक्रमण, भू-विवाद, राजस्व कार्य और चुनाव-पर्यवेक्षण जैसी जिम्मेदारियों में सीओ ही सबसे आगे रहते हैं.
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धरने पर बैठे अंचल अधिकारियों ने निगरानी विभाग से निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि सिर्फ सीओ को निशाना बनाना बंद किया जाए. उनका कहना है कि यदि सरकार की सेवाओं में पारदर्शिता लानी है, तो कार्रवाई हर स्तर पर समान रूप से होनी चाहिए.
रिपोर्ट: शैलेन्द्र पांडेय, पटना.