पटना: सोमवार को पटना में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 2,000 से ज्यादा किसानों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च शुरू किया. प्रदर्शन का नेतृत्व बक्सर सांसद और किसान नेता सुधाकर सिंह ने किया. किसान बुद्धा पार्क से निकलकर पटना जंक्शन होते हुए डाकबंगला चौराहे तक पहुँचे, जहाँ पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग के जरिए रोक दिया. किसान बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं मौके पर भारी पुलिस फोर्स और वाटर कैनन तैनात है.
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किसान मोर्चा का आरोप है कि सरकार किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण कर रही है और उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा. संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष राम प्रवेश यादव ने बताया कि किसानों को अभी भी मुआवजा 2014 की दर पर दिया जा रहा है, जबकि 2025 की मौजूदा बाजार दर के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है और सरकार को अधिग्रहण प्रक्रिया में वास्तविक दर को आधार बनाना चाहिए.
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प्रदर्शन का मुख्य कारण भारतमाला परियोजना के तहत बक्सर जिले में सड़क निर्माण कार्य है. किसानों का कहना है कि इस परियोजना में उनकी हजारों एकड़ जमीन जा रही है और यह सिर्फ विकास की योजना नहीं, बल्कि उनकी आजीविका के लिए संकट का कारण बन गई है. इसके अलावा किसान बक्सर के चौसा में बन रहे पावर प्लांट का भी विरोध कर रहे हैं.
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सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को उनका हक और उचित मुआवजा नहीं मिल जाता. किसानों का कहना है कि सरकार को उनके साथ न्याय करना चाहिए और विकास के नाम पर उनकी आजीविका को खतरे में नहीं डालना चाहिए.
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भारतमाला परियोजना के तहत यूपी के वाराणसी से झारखंड के रांची होते हुए कोलकाता तक हाई क्वालिटी सड़क बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. हालांकि किसानों का कहना है कि उनके लिए यह परियोजना सिर्फ विकास नहीं, बल्कि संकट का कारण बन गई है.

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