पटना में पुलिस की ईमानदारी का ऐसा नमूना सामने आया है कि सुनकर लोग बोले – “वाह री कानून व्यवस्था!” गांधी मैदान थाना क्षेत्र के जेपी गोलंबर के पास वाहन चेकिंग के दौरान एक बाइक से 20 लाख रुपए कैश बरामद हुआ. लेकिन थाने पहुंचते-पहुंचते रकम का जादू ऐसा चला कि 20 लाख कब 2.50 लाख में बदल गया, किसी को भनक तक नहीं लगी. आरोपी किशोर राउत ने बयान दिया कि उसके पास सिर्फ ढाई लाख थे और पुलिस ने उसे बड़े आराम से छोड़ भी दिया.
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अब सवाल उठता है कि बाकी 17.50 लाख कहां गए? जवाब साफ है – पुलिसिया गणित में पैसा भी डायरेक्ट कट हो जाता है. जैसे बिजली का बिल कटता है, वैसे ही बरामद रकम से ‘सरकारी कमीशन’ कट गया.
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दरअसल, जब यह मामला वरीय अधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया. तत्काल जांच बैठी और आरोपी दारोगा इजहार अली को सस्पेंड कर दिया गया. एसएसपी ने खुद बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान 20 लाख मिले थे लेकिन पदाधिकारी ने सिर्फ ढाई लाख की जानकारी दी. अब जांच चल रही है, लेकिन जनता कह रही है – “जांच का नतीजा पहले से पता है… पैसा जहां जाना था, वहां पहुंच चुका है.”
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लोग सोशल मीडिया पर चुटकी लेते हुए लिख रहे हैं – “बिहार पुलिस के पास नोट गिनने की ऐसी मशीन है जिसमें जीरो अपने आप गायब हो जाता है.” कोई कह रहा है – “दारोगा जी ने तो कैश को डिजिटल बना दिया, आधा पैसा तुरंत वर्चुअल अकाउंट में ट्रांसफर.”
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कुल मिलाकर, बरामद कैश की असली कहानी जनता भी समझ रही है और अफसर भी. फर्क बस इतना है कि जनता इस पर हंस रही है और अफसर कागजों पर गंभीरता दिखा रहे हैं.

कंटेंट ब्यूरो एडिटर
सहारा समय बिहार.