समस्तीपुर: समस्तीपुर शहर के मोहनपुर रोड स्थित निजी अस्पताल ‘यूनिटी इमरजेंसी हॉस्पिटल’ में आर्थिक लालच के चलते एक महिला मरीज को लगभग एक सप्ताह तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया. यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
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जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर प्रखंड के कर्पूरी ग्राम पंचायत के डढ़िया बेलार, वार्ड संख्या 15 के निवासी राजेन्द्र पासवान की पुत्री सुमन देवी को 2 सितंबर को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया. तीन दिन बाद उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. बेहतर इलाज के लिए बच्चों को दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन दोनों का दुर्भाग्यवश निधन हो गया.
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इस दुखद घटना के बावजूद अस्पताल प्रबंधक ने सुमन देवी का इलाज जारी रखते हुए आर्थिक शोषण शुरू कर दिया. परिजनों ने अपनी भैंस बेचकर और चंदा इकट्ठा करके लगभग 90 हजार रुपये भुगतान किए, लेकिन फिर भी मरीज को अस्पताल से नहीं छोड़ा गया. अस्पताल प्रबंधक लगातार पैसों के लिए दबाव बनाता रहा.
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लाचार होकर परिजनों ने यह मामला आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन के सामने रखा. विधायक ने पुलिस टीम के साथ अस्पताल पहुंचकर मरीज को मुक्त कराया और उसे सदर अस्पताल में सुरक्षित इलाज के लिए भर्ती कराया.
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विधायक ने घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि जिले में दर्जनों निजी अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं. सुविधाओं की कमी, चिकित्सकों की अनुपस्थिति और लापरवाही के कारण मरीजों की जान खतरे में है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसे गैर-पंजीकृत अस्पतालों को बंद किया जाना चाहिए.
रिपोर्ट: रमेश शंकर, समस्तीपुर.