पूर्णिया: बिहार में वोटर अधिकार यात्रा का आठवां दिन रविवार को पूर्णिया से शुरू हुआ. इस अवसर पर राहुल गांधी बुलेट पर सवार नजर आए, उनके पीछे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम बैठे थे. वहीं दूसरी बुलेट पर तेजस्वी यादव सवार थे, जिनके पीछे उनका बॉडीगार्ड मौजूद था. इस दौरान यात्रा में मुकेश सहनी, माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी यात्रा में सक्रिय भाग लिया.

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राहुल और तेजस्वी के स्वागत के लिए स्थानीय जनता ने भारी संख्या में जुटकर अपनी सहभागिता दिखाई. यात्रा मार्ग पर झंडे, बैनर और होर्डिंग्स ने माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया. स्थानीय आदिवासी कलाकारों ने मांदर और ढोल की थाप पर नृत्य कर स्वागत को और भी रंगीन बनाया. जनता का उत्साह और उमंग देखते ही बन रहा था.
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यात्रा के दौरान कई लोग अपने स्थानीय समस्याओं को भी उठाते नजर आए. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें वृद्धा पेंशन और राशन का लाभ नहीं मिल रहा है और उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. इस तरह की समस्याओं को साझा करने का यह अवसर ग्रामीण और शहरी जनता दोनों के लिए अहम था.
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पूर्णिया में यात्रा का 25 किलोमीटर का रूट तय किया गया. जिला प्रशासन और पुलिस फोर्स ने यात्रा को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए अलर्ट मोड में काम किया. यातायात पुलिस ने आम लोगों के लिए रूट चार्ट जारी किया ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा न आए.
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यह वोटर अधिकार यात्रा बिहार की 50 विधानसभा सीटों को कवर करेगी. राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस तरह की रैलियों से जनता और नेताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित होता है. यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और आगामी चुनाव में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है.
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राहुल गांधी रविवार शाम दिल्ली लौट जाएंगे. वहीं, अगले हफ्ते 26 अगस्त को प्रियंका गांधी भी वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगी. यह यात्रा न केवल कांग्रेस और महागठबंधन के नेताओं की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि जनता में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने और स्थानीय मुद्दों को सामने लाने का भी एक प्रभावी माध्यम बन रही है.
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पूर्णिया की इस यात्रा ने यह साफ कर दिया कि राजनीतिक ऊर्जा और जनता का उत्साह एक साथ मिलकर चुनावी माहौल को गहराई और गति दे सकते हैं. भले ही प्रशासन ने सतर्कता बरती हो, जनता की सक्रिय भागीदारी और स्वागत ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया.

रंजीत सम्राट, चैनल हेड, सहारा समय, बिहार.
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