पटना : फुलवारी शरीफ में 10 वर्षीय आदित्य कुमार का अपहरण और हत्या का प्रयास, लेकिन सरकार की सुरक्षा व्यवस्था कहां थी? वहीं, खुद का जीजा बन गया अपराधी और मासूम की बहादुरी ही बनी उसकी जान बचाने की आखिरी कड़ी। सुरक्षा की जिम्मेदारी तय करने वाले कहां थे जब बच्चा खतरे में था?
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फुलवारी शरीफ, दानापुर से बड़ी खबर सामने आई है. पुलेंदु नगर निवासी डॉक्टर सुनील कुमार के 10 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार को उसके ही जीजा रमेश रंजन ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की.
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पुलिस के अनुसार, रमेश रंजन पहले आदित्य को फुलवारी शरीफ इलाके में गाड़ी में लेकर घूमता रहा और फिर उसे सोनपुर के सुनसान इलाके में ले गया. वहां उसने क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल कर आदित्य की हत्या करने का प्रयास किया. लेकिन साहसी और समझदार आदित्य ने मौके का फायदा उठाते हुए गाड़ी से भागकर स्थानीय लोगों को बुलाया और मदद मांगी.
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स्थानीय लोगों की मदद से आदित्य सुरक्षित पुलिस के हवाले कर दिया गया और आरोपी रमेश रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने आरोपी के पास से एक चाक़ू, एक देशी कट्टा और अपहरण में इस्तेमाल की गई गाड़ी भी बरामद की.
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सिटी एसपी पश्चिमी, भानु प्रताप सिंह ने बताया कि रमेश रंजन पर 15 लाख का लोन था, जिसमें 12 लाख बकाया था.इसी कारण उसने अपने ही जीजा के पुत्र का अपहरण कर फिरौती की योजना बनाई. आदित्य की सूझबूझ और स्थानीय लोगों की मदद से बड़ी दुर्घटना टल गई.
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.घटना से पूरे फुलवारी शरीफ क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है.लोगों ने साहसी आदित्य की बहादुरी की सराहना की है और घटना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
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