हमीरपुर. घर के बाहर खेल रहे बच्चे को वहां से झुंड में निकले गधों ने बुरी तरह से रौंद दिया. जिससे बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया. परिजन आनन फानन में जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया. घायल हुए बच्चे की इलाज के दौरान कानपुर में मौत हो गई. इससे परिवार में कोहराम मचा हुआ है. शनिवार को बच्चे के शव को चारपाई में रखकर परिजनों ने मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर कालपी स्टेट हाइवे को जाम कर दिया. सूचना पर पहुंचे सदर एसडीएम ने परिजनों को समझा बुझाकर परिजनों को शांत कराकर जाम खुलवाया. वहीं बच्चे के शव का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है.
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सदर कोतवाली क्षेत्र के कजियाना मोहल्ला निवासी दिनेश निषाद का बेटा सागर (10) बीते रविवार को घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था. उसी समय की आवारा घूम रहें गधों का झुंड दौड़ते हुए निकला जिसकी चपेट में सागर आ गया. झुंड में एक गधे ने सागर के लात मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल सागर को परिजन जिला अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सकों ने उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर कानपुर रेफर कर किया. कानपुर में इलाज के दौरान घायल सागर की शुक्रवार को मौत हो गई. मृतक सागर के पिता ने बताया कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. बेटे का शव शुक्रवार की रात घर आने पर परिजनों में कोहराम मच गया.
पीड़ित ने बताया कि उसके दो बेटे थे, जिसमें यह सबसे बड़ा बेटा था जो कक्षा चार का छात्र था. इस घटना से मोहल्ले के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया. शनिवार को सुबह करीब 11 बजे शव हमीरपुर कालपी हाईवे में रखकर जाम लगा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने बहुत समझाया बुझाया, लेकिन परिजन नहीं माने. वह लोग मुआवजे की मांग करते रहे. सूचना पर सदर एसडीएम मौके पर पहुंचे, उन्होंने परिजनों को समझा बुझाया और सरकार से मुआवजा दिलाने का आश्वासन देने के साथ शहर में घूम रहे गधों को पकड़कर बंद करने के लिए नगर पालिका के कर्मियों को निर्देश दिए. तब कही परिजन माने और सड़क पर लगे जाम को हटाया. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया. घटना की जानकारी होने पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील पाठक व चेयरमैन कुलदीप निषाद पीड़ित के घर पहुंचकर सांत्वना दी है. साथ ही हर संभव मदद व मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.
गोवंशों के बाद अब गधों के झुंडों ने मचाया उत्पाद
आवारा गोवंशों के बाद अब गधों के झुंड भी जानलेवा साबित होने लगे हैं.शहर में आवारा गधों की संख्या भी तेजी से बढी हुई है. जो सारा दिन मुख्य मार्गों में धमाचौकड़ी करते हुए निकलते रहते हैं. इनकी चपेट में आकर अक्सर लोग घायल हो जाते हैं.
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