जमुई : बिहार में पुल गिरने की घटनाएं थम नहीं रही हैं. ताजा मामला जमुई जिले के झाझा प्रखंड का है. उलई नदी पर बना बरमसिया पुल शुक्रवार देर रात भारी बारिश के बाद पूरी तरह गिर गया. पुल पहले से ही जर्जर था.लोग रोज इसी से आना-जाना कर रहे थे. हादसे के वक्त कोई आवाजाही नहीं हो रही थी.इससे जानमाल की हानि नहीं हुई.
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पिछले 30 घंटे से लगातार बारिश हो रही थी. नदी का जलस्तर बढ़ गया. पुल के नीचे की मिट्टी बह गई. इसके बाद पूरा पुल टूटकर गिर पड़ा. यह पुल महापुर, रजला कला समेत करीब 50 गांवों को झाझा बाजार, रेलवे स्टेशन और अस्पताल से जोड़ता था. पुल टूटने से हजारों लोगों को परेशानी हो रही है.
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8 जुलाई को झाझा विधायक दामोदर रावत ने इसी पुल के पास नए पुल का शिलान्यास किया था. अब तक न तो निर्माण शुरू हुआ, न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई. लोग टूटे पुल से ही जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं. इससे लोगों में भारी गुस्सा है.
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घटना के बाद जब मीडिया ने ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी रोहित कुमार से सवाल किए, तो वह कैमरे से भागते नजर आए. बाद में उन्होंने कहा कि जर्जर पुल के बगल में डायवर्सन बनाने का काम शुरू हुआ था. बारिश और तेज बहाव के कारण काम रोकना पड़ा है. भ्रष्टाचार और लापरवाही से जुड़े सवालों पर भी अधिकारी जवाब देने से बचते रहे.
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स्थानीय युवक सूरज वर्णवाल ने कहा कि प्रशासन तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था करे.जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो. उन्होंने बताया कि इस पुल को लेकर कई बार आवेदन दिए गए, विरोध प्रदर्शन भी हुआ. फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अब लोग परेशान हो रहे हैं.
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स्थानीय विधायक दामोदर रावत पर भी लोगों ने नाराजगी जताई .कहा कि चुनावी साल में शिलान्यास कर जनता को गुमराह किया गया. लोग झाझा विधायक, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
जमुई से विवेक कुमार की रिपोर्ट …
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