पटना : पटना जिले के मसौढ़ी की सविता देवी 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में डिनर करेंगी. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. सविता देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंदिरा आवास मिला था. उसी से उन्होंने झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनाया. इसी संघर्ष और सफलता की कहानी ने उन्हें यह सम्मान दिलाया.
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सविता देवी मसौढ़ी प्रखंड के तारेगना डीह गांव की रहने वाली हैं. शादी से पहले एक मेडिकल लापरवाही के कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी. इसके बाद उनकी शादी एक साधारण परिवार में हुई. पति दिहाड़ी मजदूर थे. तीन बच्चों की परवरिश और घर चलाना मुश्किल था. कच्चे मकान में रहकर उन्होंने हर हाल में बच्चों को संभाला.
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पति के निधन के बाद हालात और बिगड़ गए. लेकिन सविता देवी ने हार नहीं मानी. जीविका समूह से जुड़ीं. मेहनत और ईमानदारी से सामुदायिक संसाधन व्यक्ति बनीं. फिर नगर परिषद में काम करने लगीं. यहीं से उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ने का मौका मिला. उन्होंने कई गरीब परिवारों को योजना का लाभ दिलाया.
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उनकी सादगी और सेवा भावना ने उन्हें नई पहचान दी. राष्ट्रपति कार्यालय से आमंत्रण पत्र मिलने पर परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. सविता देवी ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति के साथ बैठकर खाना खाने का मौका मिलेगा. यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है.”
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सविता देवी आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने दिखा दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है. 15 अगस्त को जब वे राष्ट्रपति भवन में कदम रखेंगी, तो वे उन सभी महिलाओं की प्रतिनिधि होंगी, जो संघर्ष के बीच भी उम्मीद की लौ जलाए रखती हैं.

लेखक परिचय: रंजीत कुमार सम्राट सहारा समय (डिजिटल) के बिहार हेड हैं. 20 साल से बिहार के हर जिले की सियासत पर गहरी नज़र रखते हैं. पिछले दो दशक से बिहार की हर खबर को अलग नजरिये से पाठक को समझाते रहे हैं.
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