शिवहर : धरती सूखी है, आसमान खामोश है… खेतों में दरारें हैं और किसानों की आंखों में बेचैनी. सावन का महीना चल रहा है, लेकिन शिवहर की मिट्टी अब भी प्यास से तप रही है. नदी-नाले सूख गए, चापाकल पानी देना छोड़ चुके, और धान के पौधे झुलसने लगे हैं. ऐसे संकट की घड़ी में सोमवार को सैकड़ों लोग ईंट भट्ठे के पास इकट्ठा हुए—न कोई मांग, न कोई विरोध, सिर्फ अल्लाह के सामने झुकी हुई पेशानियाँ और रहमत की आस में उठे हाथ.
मुस्लिम समुदाय ने अदा की नमाज-ए-इस्तिस्का, जो सिर्फ तब अदा की जाती है जब इंसान मजबूरी की उस हद तक पहुंच जाए जहाँ सिर्फ ऊपर वाले से ही उम्मीद बाकी रहे. किसी की आंखों में आंसू थे, किसी की ज़ुबान पर खामोशी… पर हर दिल से एक ही पुकार निकल रही थी—”या अल्लाह, रहमत बरसा दे!”
जिले में बारिश की कमी और सूखे जैसे हालात के बीच सोमवार को पिपराही प्रखंड के चमनपुरा ईंट भट्ठा के पास मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने नमाज-ए-इस्तिस्का अदा की. लोगों ने अल्लाह से रहमत की बारिश की दुआ मांगी. यह नमाज सूखे और पानी की कमी के समय अदा की जाती है. नमाज का नेतृत्व सीतामढ़ी से आए मौलाना इश्तियाक ने किया.
इस धार्मिक आयोजन में पिपराही, मेसौढ़ा, बसहिया शेख, चमनपुर, गढ़वा और गढ़हिया गांवों के लोग शामिल हुए. नमाज के दौरान लोगों ने हाथ उलटकर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी. इलाके में बारिश के लिए दुआ की. नमाज के बाद बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं की आंखों में उम्मीद थी. जुबान पर एक ही पुकार थी – “या अल्लाह, बारिश फरमा दे!”
शिवहर में लगातार बारिश नहीं होने से धान की फसलें सूखने लगी हैं. खेतों में दरारें पड़ गई हैं. सावन में खेतों में धूल उड़ रही है. कई जगह चापाकल और मोटर ने पानी देना बंद कर दिया है. नदी-नाले भी सूख चुके हैं. गांव-गांव में पानी को लेकर हाहाकार मचा है.
कृषि प्रधान शिवहर जिले में अब तक आधी-अधूरी धान की रोपनी हो सकी है. जहां रोपनी हुई है, वहां भी पौधे झुलसने लगे हैं. किसानों की मेहनत सूखते खेतों के साथ दम तोड़ रही है. आंखों में चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं.
इस मौके पर मोहम्मद अकील अहमद, मौलाना इश्तियाक आलम, मुखिया तेजनारायण साह, भाजपा नेता रामबाबू गुप्ता, नेयाज अहमद उर्फ मोती, मोहम्मद अबरार समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. लोगों ने शांति और सादगी के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया.
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