पटना : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस बार मामला है दो अलग-अलग ई-ईपिक (e-EPIC) नंबर रखने और मतदाता सूची से नाम हटने के दावे से जुड़ा. निर्वाचन आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है कि उनके पास दो वोटर आईडी क्यों हैं और उनमें से एक संदिग्ध नंबर उनके पास कैसे आया.
Bihar : नाचते-गाते जा रहे थे कांवरिए… पलभर में उजड़ गया पूरा कारवां!
2 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका और उनकी पत्नी का नाम नई ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है. इस बयान के बाद निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जांच कराई गई. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि तेजस्वी यादव का नाम दीघा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में क्रम संख्या 416 पर दर्ज है. इस रिकॉर्ड से जुड़ा ई-ईपिक नंबर RAB0456228 है, जो वैध है.
Bihar Election 2025: तेजस्वी की राखी पॉलिटिक्स: क्या बहनों की भीड़ सिर्फ स्नेह थी या वोट बैंक?
लेकिन प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने जो दूसरा ई-ईपिक नंबर RAB2916120 दिखाया था, उसे जांच में अवैध और संदिग्ध पाया गया है. यह नंबर निर्वाचन विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड में प्रमाणित नहीं है.
Bihar Election 2025 : बगैर मुकेश सहनी की नाव के पार नहीं पाएंगे NDA!
निर्वाचन आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्होंने यह दूसरा ई-ईपिक नंबर कहां से प्राप्त किया? साथ ही उनसे उस संदिग्ध ईपीआईसी कार्ड का पूरा विवरण साझा करने को कहा गया है, ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके. आयोग ने साफ किया है कि तेजस्वी का मतदाता नामांकन अब भी सूची में मौजूद है, और उनका दावा कि उनका नाम हटा दिया गया है, तथ्यों से परे है.
Politics : शिलान्यास से पहले सियासत तेज, गिरिराज सिंह के विवादित बयान पर घमासान!
इस पूरे मामले पर एनडीए के घटक दलों ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है. बीजेपी, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम पार्टी और रालोसपा ने तेजस्वी पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र का उल्लंघन बताया और तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
Bihar : गांव से ग्लैमर तक, कुणाल सिंह की भोजपुरी यात्रा!
एनडीए प्रवक्ताओं ने कहा कि एक व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड होना गंभीर अपराध है. तेजस्वी ने पहचान बदलकर और गलत तथ्य पेश कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है.
Politics : बाप-बेटे दोनों JDU में – क्या महागठबंधन की नींव हिलने लगी है?
पटना के जिलाधिकारी एस. एन. त्यागराजन ने भी प्रेस नोट जारी कर तेजस्वी के दावे को झूठा करार दिया. डीएम ने मतदाता सूची की प्रति जारी की, जिसमें स्पष्ट रूप से तेजस्वी का नाम, फोटो और मतदान केंद्र संख्या 204, क्रम संख्या 416 पर दर्ज है. उन्होंने यह भी बताया कि पहले तेजस्वी का नाम मतदान केंद्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था, जिसे अब अद्यतन कर नई सूची में स्थानांतरित किया गया है.
Analysis: सिवान किस करवट बैठेगा, कब, कौन और क्यों भारी?
तेजस्वी यादव पर लगा यह आरोप उनके राजनीतिक भविष्य पर असर डाल सकता है. अब यह देखना अहम होगा कि वे निर्वाचन आयोग को क्या स्पष्टीकरण देते हैं और आयोग की अगली कार्रवाई क्या होती है. फिलहाल इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति गरमा गई है.

लेखक परिचय: रंजीत कुमार सम्राट सहारा समय (डिजिटल) के बिहार हेड हैं. 20 साल से बिहार के हर जिले की सियासत पर गहरी नज़र रखते हैं. पिछले दो दशक से बिहार की हर खबर को अलग नजरिये से पाठक को समझाते रहे हैं.
Leave a Reply