प्रयागराज: संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. मस्जिद कमेटी के चेयरमैन जफर अली की ओर से दायर याचिका पर अदालत ने बड़ा आदेश दिया है.
हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जफर अली के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक रहेगी. जब तक इस मामले की विस्तृत सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा. यह आदेश जफर अली के लिए फिलहाल बड़ी राहत लेकर आया है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने जफर अली की याचिका को इसी प्रकरण में पहले से दाखिल जियाउर्रहमान की याचिका के साथ जोड़ने का भी निर्देश दिया. यानी अब दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी. अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है और याचिकाकर्ता को जवाबी हलफनामा (रिजॉइंडर) दाखिल करने की अनुमति भी दी है.
इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में
जफर अली ने अपनी याचिका में विशेष रूप से चार्जशीट को निरस्त करने की मांग की है, उनका कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार और मनगढ़ंत हैं. मस्जिद कमेटी के चेयरमैन होने के नाते वे अदालत से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है. हाईकोर्ट के आदेश से जफर अली को तत्काल राहत मिल गई है, लेकिन अंतिम फैसला आगामी सुनवाई के बाद ही तय होगा. इस बीच सभी की निगाहें अक्टूबर में होने वाली सुनवाई पर टिकी रहेंगी.
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