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Samstipur : बोगी में बना पर्दा, दर्द में बनी उम्मीद — और गूंजी किलकारी!

समस्तीपुर: रेलयात्रा के दौरान जिंदगी और मौत की जद्दोजहद के बीच जन्मी एक नई ज़िंदगी ने इंसानियत की मिसाल पेश कर दी. जालंधर से किशनगंज जा रही अमरनाथ एक्सप्रेस की जनरल बोगी सोमवार देर रात अस्थायी लेबर रूम में तब्दील हो गई, जब एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी.

मुजफ्फरपुर स्टेशन के पास मोहम्मद कैशर आलम की साली इशरत परवीन को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि ट्रेन की बोगी में ही सहयात्रियों ने पर्दा बनाकर महिला की मदद की और वहीं बच्चे का जन्म कराया. टीटी को सूचना दी गई और ट्रेन के समस्तीपुर पहुंचते ही रेलवे ने तुरंत मेडिकल टीम को बुलाया.

महिला को प्लेटफॉर्म पर प्राथमिक उपचार देने के बाद समस्तीपुर सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज जारी है. परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने सितंबर में डिलीवरी की तारीख दी थी, इसलिए वे पहले ही जालंधर से अपने घर किशनगंज लौट रहे थे. लेकिन रास्ते में ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई.

जांच में पता चला कि नवजात का जन्म सातवें महीने में हुआ है और उसका वजन महज 1.5 किलो है. बच्चे को समस्तीपुर सदर अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों की हालत स्थिर है और वे फिलहाल खतरे से बाहर हैं.

यह घटना इस बात की मिसाल है कि मुश्किल समय में यदि इंसानियत और सहयोग मिल जाए, तो बड़ा से बड़ा संकट भी टाला जा सकता है. सहयात्रियों की सजगता और सहयोग से एक मासूम की जान बच सकी और एक सुरक्षित जन्म संभव हो सका.

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