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New Mom Expert Advice : “अब पहले जैसी नहीं रही…” कैसे करें सामना ?

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New Mom Expert Advice : मां बनना जीवन का सबसे सुंदर अनुभव माना जाता है. लेकिन इसी अनुभव के बाद कई महिलाएं अपनी शारीरिक बनावट, आत्म-सम्मान और सामाजिक छवि को लेकर परेशान हो जाती हैं. प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के बाद वजन बढ़ना, स्ट्रेच मार्क्स, ढीला पेट और चेहरे की थकावट. ये सभी प्राकृतिक बदलाव हैं, लेकिन समाज की टिप्पणियां और खुद की तुलना दूसरों से, एक नई मां (New Mom) के आत्मविश्वास को झकझोर सकती है.

“बच्चा पैदा होने के बाद सबसे पहले जो चीज़ बदलती है, वो है शरीर, और फिर धीरे-धीरे आत्मविश्वास ”
डॉ. रश्मि आहूजा, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, दिल्ली

बॉडी इमेज (Body Image) क्यों गिरती है?

शरीर में अचानक बदलाव:

  • वजन बढ़ना
  • स्ट्रेच मार्क्स, स्किन में ढीलापन
  • चेहरे पर थकावट, डार्क सर्कल्स
  • बाल झड़ना

“हर महिला का शरीर अलग होता है, लेकिन समाज सबको एक जैसा फिट और ‘परफेक्ट मॉम’ देखना चाहता है, यही असुरक्षा की जड़ है ”
— डॉ. मेघा बंसल, गायनोकोलॉजिस्ट, पटना

समाज और परिवार की टिप्पणियां:

  • “अब पहले जैसी नहीं रही…”
  • “वजन बहुत बढ़ गया है”
  • “अब तो खुद पर ध्यान ही नहीं देती”
  • “इतना थक क्यों जाती हो, सब औरतें करती हैं!”

ये बातें नई मां (New Mom) को शर्मिंदगी, गुस्से और गहरे मानसिक दबाव में डाल सकती हैं.

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मानसिक असर क्या होता है?

“बॉडी इमेज सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ी होती है. जब नई मां (New Mom) खुद को आईने में पहचान नहीं पाती, तो वह खुद से दूरी महसूस करने लगती है ” — डॉ. शालिनी रॉय, मनोचिकित्सक, कोलकाता

  • पोस्टपार्टम डिप्रेशन और एंग्जायटी का एक कारण बॉडी इमेज (Body Image) भी हो सकता है
  • आत्मग्लानि (“मैं अच्छी नहीं दिखती”, “पति क्या सोचेंगे”)
  • सामाजिक मेलजोल से कतराना

कैसे करें सामना?

  • खुद से प्यार करना सीखें
  • शरीर का यह बदलाव मां बनने की ताकत का प्रमाण है
  • आईने से दोस्ती करें , हर दिन खुद को एक पॉजिटिव बात कहें
  • तुलना बंद करें
  • सोशल मीडिया पर दिखने वाली ‘फिट मॉम’ असल में एडिटेड या स्पॉन्सर्ड हो सकती है
  • अपने शरीर की गति को सम्मान दें
  • धीरे-धीरे फिटनेस पर काम करें

“नॉर्मल डिलीवरी के 6 हफ्ते बाद और सी-सेक्शन के 8 हफ्ते बाद हल्की एक्सरसाइज़ शुरू की जा सकती है ”
योगा ट्रेनर रितु भारद्वाज, बेंगलुरु

  • प्राणायाम, हल्की वॉक, स्ट्रेचिंग से शुरुआत
  • ब्रेस्टफीडिंग से भी शरीर फैट बर्न करता है
  • डाइट में खुद को भूखा न रखें — हेल्दी स्नैक्स और हाइड्रेशन ज़रूरी

इमोशनल स्ट्रेंथ ( Emotional Strength) के लिए करें ये 5 काम:

| आदत | फायदा |
| रोज़ 5 मिनट “मुझमें क्या अच्छा है” सोचें | आत्मस्वीकृति बढ़ेगी |
| पति या दोस्त से खुलकर बात करें | भावनात्मक बोझ हल्का होगा |
| सोशल मीडिया से कुछ दिन ब्रेक लें | तुलना और असंतोष घटेगा |
| मॉम कम्युनिटी जॉइन करें | अनुभव साझा कर प्रेरणा मिलेगी |
| खुद की पुरानी तस्वीरें देखें | याद आएगा आपने कितनी ताकत दिखाई |

एक्सपर्ट की राय:

डॉ. नीलिमा शेखर, सोशल साइकोलॉजिस्ट, “हमारी संस्कृति में मां को देवी तो माना जाता है. लेकिन उसके शरीर को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखाई जाती बदलाव को सहज मानने के लिए समाज को शिक्षित करना होगा. ”

फिटनेस कोच भावना अरोड़ा ने बताया, “न्यू मॉम्स को स्लो-प्रोग्रेस बेस्ड फिटनेस अपनानी चाहिए, जिसका मकसद वजन कम करना नहीं, खुद से जुड़ना हो. ”

नई मांओं New Mom को ये समझना जरूरी है कि उनका शरीर किसी फैशन शो के लिए नहीं बल्कि एक नई जिंदगी को जन्म देने की प्रक्रिया से गुज़रा है. इसे सराहना चाहिए, न कि शर्मिंदा होना . और सबसे अहम बात — जब आप खुद से प्यार करेंगी, तो आपका बच्चा भी सीख जाएगा कि आत्म-सम्मान सबसे सुंदर चीज़ है.

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